Radha Vallabh
Tripathi
श्री राधा वल्लभ त्रिपाठी का जन्म 15 फरवरी, 1949 को राजगढ़, मध्य प्रदेश में हुआ था। मुख्यत: वे संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार के रूप में जाने जाते हैं। उनके द्वारा रचित कविता-संग्रह 'संधानम्' के लिये उन्हें सन 1994 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत को आधुनिकता का संस्कार देने वाले विद्वान् और हिन्दी के प्रखर लेखक व कथाकार हैं।
BOOKS
आचार्य राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत तथा हिन्दी दोनों परिदृश्यों में समान रूप से प्रतिष्ठित तथा स्वीकार्य हैं। संस्कृत क्षेत्र में वे एक विश्व नागरिक की भाँति वे उसमें रहकर उसे बाहर से भी देख सकते हैं। यह दृष्टि बहुत ही स्वस्थ और दुर्लभ है।
जीवन परिचय
राधावल्लभ त्रिपाठी संस्कृत और हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि, कहानीकार और नाटककार हैं।.
राधावल्लभ त्रिपाठी का जन्म 15 फरवरी 1949 को मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में हुआ। उनके पिता संस्कृत और हिंदी के मर्मज्ञ और कवि-समीक्षक थे। उन्होंने सागर विश्वविद्यालय से 'संस्कृत कवियों के व्यक्तित्व के विकास' विषय पर पीएच.डी. और 'प्राचीन भारत में रंगमंच के उद्गम एवं विकास' विषय पर डी.लिट्. की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1970 से उन्होंने अध्यापन कार्य शुरू किया और इस यात्रा में शोध अध्येता से आचार्य तक और अधिष्ठाता से विभागाध्यक्ष तक विभिन्न भूमिकाओं का निर्वहन किया। उन्होंने शिल्पाकार्न विश्वविद्यालय, बैंकॉक एवं कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क में संस्कृत के अतिथि आचार्य और राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में कुलपति के रूप में भी सेवा दी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने देश-विदेश में आयोजित विभिन्न संस्कृत सम्मेलनों में भी भागीदारी की है।
उनमें लेखन की प्रवृत्ति किशोर अवस्था से ही उभरने लगी थी। छः दशकों में विस्तृत अपनी रचना-यात्रा में गद्य, पद्य, नाटक, कथा, उपाख्यान, उपन्यास, राग-काव्य, अलंकारशास्त्र, समीक्षा, शोध, अनुवाद जैसी विभिन्न विधाओं में विपुल योगदान किया है।
RESEARCH PAPER & ARTICLES
Unveling of Consciousness – Kāvya as a Vehicle of Puruṣārtha, Rājendrayaśobhūṣaṇaṁ -
Studies in Sanskrit Poetics and Aesthetics, Com. vol in the honoir of of Professor Rajendra
Nanavati, Vadodara 2023, pp. 38-46
अभिराज्यशोभाउष्णसमीक्षणा - Rājendrayaśobhūṣaṇaṁ - Studies in Sanskrit Poetics and Aesthetics,
Com. vol in the honoir of of Professor Rajendra Nanavati, Vadodara 2023. pp. 437-443
भारतीय सौन्दर्यशास्त्रम् – Rājendrayaśobhūṣaṇaṁ - Studies in Sanskrit Poetics and Aesthetics,
Com. vol in the honoir of of Professor Rajendra Nanavati, Vadodara 2023, pp . 509-16